"क्या सही और क्या गलत"
"क्या सही और क्या गलत"
हम हर वक्त विचारो के भवर में डूबे रहते हैं सही और गलत को लेकर ना जाने कितने प्रश्न मन में हर बार घर कर लेते हैं। यह किया तो क्या होगा? सही होगा की गलत होगा।
मन के अनेक प्रश्न हैं जो हर बार सब को बडी उलझन में डाल देते हैं मैं तो यह जानता हुं की, जो जान बुझकर काम करे वह गलत और अनजाने में जो होता हैं वह सही फिर भी मन मानता नही !
सबको अपनी बाजी सही लगती हैं फिर वह कीतनी भी गलत क्यो ना हो।सारी दुनिया सही और गलत को लेकर जागती हैं और सो जाती हैं।
मन की हर बात हर किसी को एक सीख देती हैं एक आवाज देती हैं जो दिल चाहे बात वही करना मगर दस बार सोचकर करना. ऐसी बात सही होती हैं।जीस बात से कोई बवाल ना उठे कोई किसी से ना रुठे।
गलत बात वह होती हैं जिस बात से किसी को क्रोध आ जाए।
हर मन के दो विचार होतें हैं, एक सही और दूसरा गलत अगर सही विचार पाना चाहते हो तो हर काम सही करना होगा। गलत विचार कोई अपनाता नहीं फिर भी गलतिया होती रहती हैं।
अंजान कभी मत बनो पहले सोचो समझो और बाद में उसपर अमल करो। हर किसिने इस बात को जानकर
जिन्दगी के सफर को आगे चलाया तो कोई समस्या कभी ना आयेगी. सही गलत की, कोई फीक्र भी नहीं करनी पडेगी. ऐसा विचार मेरे मन में आया और मैने लिख दिया।
