काश ! मेरा अनपढ़ ही होता
काश ! मेरा अनपढ़ ही होता
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यह कहानी है एक अनपढ़ लड़के मोहन की जिसे हर रोज अपने पिता की डाँट पड़ती थी न पढ़ने के कारण,अंत में मोहन आत्महत्या कर लेता है और उसके पिता को उसके खोने के बाद क्या क्या सबक मिलते है इसी के इर्द गिर्द है ये कहानी, तो एक नजर डालते है इस कहानी पर।
