हैरी पॉटर और चमत्कारी पत्थर
हैरी पॉटर और चमत्कारी पत्थर
मेरे प्रिय पाठक/पाठिका मित्रो के लिए कुछ बातें…………..
मेरा प्रणाम ग्रहण कीजिएगा । प्रसिध उपन्यास Harry Potter का सरल हिंदी अनुनाद आज मैं ले के आया हूँ। आशा करता हूँ मेरा अनुवादित उपन्यास आपका मनोरंजन करेगा । तो देर किस बात की चलिए खो जाते हैं इस जादुई दुनिया में ।
हैरी पॉटर और चमत्कारी पत्थर
अध्याय - १
वह लड़का जो बच गया
प्रिविट ड्राइब के मकान नंबर चार में रहने वाले मिस्टर और मिसेज़ इस्लीं गर्व से कहते थे हम तो पूरी तरह सामान्य लांग ही कोई सोच भी नहीं सकता था कि यह लोग किसी रहस्यमयी या अजीब चीज़ में उलझ सकते थे, क्योंकि वे इस तरह की बेतुकी बातों से दूर रहते थे।
मिस्टर इस्ली ग्रनिंग्स नाम की कंपनी के डायरेक्टर थे, जो ड्रिल बनाती थी। मिस्टर इस्ली मोटे तगड़े थे और उनकी गर्दन तो जैसे श्री ही नहीं, हालांकि उनकी मुझे बहुत बड़ी थीं। मिसेस इस्ली सुनहरे बालों वाली दुबली महिला थीं और उनकी गर्दन सामान्य से लगभग दुगुनी लंबी थी। यह लंबी गर्दन उनके बहुत काम आती थी, क्योंकि वे बगीचे की मुंडेर के पार ताक-झाँक करने में और पड़ोसियों की जासूसी करने में अपना बहुत सा समय बिताती थीं। उनका एक छोटा सा बेटा भी था, जिसका नाम था इडली और मिस्टर-मिसेज इस्ली का मानना था कि दुनिया में उससे अच्छा बच्चा हो ही नहीं सकता।
उनके पास वह सब कुछ था जो वे चाहते थे, पर उनकी जिंदगी में एक रहस्य भी था और उन्हें सबसे ज़्यादा डर इसी बात से लगता था कि कहीं वह रहस्य किसी को पता न चल जाये। वे यह सोच भी नहीं सकते थे कि अगर किसी को पॉटर परिवार के बारे में पता चल गया, तो उनका क्या होगा। मिसेज़ पॉटर मिसेज़ इस्ली की बहन थीं, परंतु वे कई सालों से एक-दूसरे से नहीं मिली थीं। सच तो यह था कि मिसेज़ डस्ली सबको यही बताती थीं कि उनकी कोई बहन ही नहीं थी, क्योंकि उनकी बहन और उसका निकम्मा पति उन लोगों से उतने ही अलग थे, जितना अलग होना संभव था। यह सोचकर ही इस्लीं पति-पत्नी के होश उड़ जाते थे कि अगर पॉटर पति-पत्नी उनकी गली में आ गये, तो उनके पड़ोसी क्या कहेंगे। वे जानते थे कि उनका एक छोटा सा बेटा भी था, पर उन्होंने उसे कभी नहीं देखा था। यह बच्चा भी एक बड़ा कारण था, जिस वजह से वे पॉटर पति-पत्नी से दूर रहते थे। वे नहीं चाहते थे कि इडली इस तरह के बच्चे से मिले-जुले।
जब मिस्टर और मिसेज़ इग्ली उस बोझिल मंगलवार को सोकर उठे जहाँ से हमारी कहानी शुरू होती है, तो बादलों से भरे आसमान को देखकर कोई भी यह नहीं सोच सकता था कि पूरे देश में अजीबोगरीब और रहस्यमयी घटनायें जल्दी ही होने वाली हैं। मिस्टर इस्ली ने ऑफिस जाने के लिए गुनगुनाते हुये अपनी सबसे बोरिंग टाई निकाली और मिसेज़ इस्ली चहकते हुये इधर-उधर की बातें करती रहीं; इसके साथ ही वे हल्ला मचा रहे डडली को ऊँची कुर्सी पर बिठाने के लिये उसके साथ कुश्ती भी लड़ती जा रही थीं।
उनमें से किसी को भी यह नहीं दिखा कि एक बड़ा सा भूरा उल्लू उनकी खिड़की के पास से पंख फड़फड़ाते हुये गुज़र गया।
साढ़े आठ बजे मिस्टर इस्ली ने अपना ब्रीफकेस उठाया, पत्नी का गाल थपथपाया और डडली को तुमने की कोशिश की, परंतु वे ऐसा नहीं कर पाये, क्योंकि इडली उस समय झुंझला रहा था और अपना नाश्ता दीवार पर फेंक रहा था। 'शैतान कहीं का,' मिस्टर इस्ली ने घर से निकलते समय हँसकर लाइ से कहा। वे अपनी कार में बेटे और चार नंबर के पोर्च से बाहर आ गये।
आगे की कहानी अगले भाग में....
क्रमशः
