दहेज एक कुप्रथा
दहेज एक कुप्रथा
गुड़िया नाम के एक लड़की थी , उसके माता-पिता गरीब थे लेकिन लड़की के माता-पिता मेहनती थे । उसके माता-पिता गरीब होते हुए भी गुड़िया को अच्छी जगह शिक्षा दी , शिक्षा पूरी होने के बाद गुड़िया की शादी को तैयारी होने लगी और जब लड़के देखने आए , तो लड़की को अच्छी शिक्षा और सुंदर होने के कारण पसंद आ गया लेकिन लड़का-लड़की ज्यादा पढ़े लिखे होने के कारण दहेज की ज्यादा मांग हुई। जिसकी वजह से लड़की के माता-पिता गरीब होने के कारण नहीं दे पाए और लड़का और लड़के के पिता इनकार करके चले गए जिससे लड़की के माता-पिता बहुत निराश हो गए और सोचने लगे कि हमने मेहनत मजदूरी करके लड़की को अच्छी शिक्षा दी और शिक्षा देने की ही वजह से दहेज की ज्यादा मांग होने लगी। जिससे लड़की भी अपने आप को बोझ समझने लगी तथा माता-पिता सोचने लगे कि हमें लड़कियों को नहीं पढ़ाना चाहिए । हमने बेटी को पढ़ा - लिखाकर कर एक गलती कर बैठा हूं , जिसका सजा आज मिल रहा है और उसी दुख के कारण लड़की के माता-पिता अनेक तरह के हथकंडे अपनाए लेकिन उन्हें गांव वालों तथा भगवान ने बचा लिया ।
इसलिए हम सब को दहेज जैसी कुप्रथा को जड़ से खत्म करना चाहिए।