ब्लैक ब्यूटी - 05

ब्लैक ब्यूटी - 05

3 mins
481



5. मेरे नए दोस्त



जॉन मुझे पसंद करता था। वह बहुत बढ़िया साईस था और उसने मेरे काले बालों को ख़ूबसूरत बना दिया। जब मैं काफ़ी मेहनत करके लौटता तो वह मेरा बदन पोंछ कर सुखा देता। हर रोज़ वह मेरे पैरों को देखता। अगर किसी पैर में चोट लगी होती तो उसे फ़ौरन पता चल जाता और तब वह उस पर कोई चीज़ मल देता। वह मुझसे ख़ूब बातें करता। सारे अल्फ़ाज़ तो मैं जानता नहीं था, मगर कुछ समय के बाद मैं जान गया कि वह क्या सोच रहा है। जॉन मैन्ले मुझे बेहद पसन्द आया। मुझे साईस छोकरा, जेम्स हॉवर्ड भी अच्छा लगता था। घोड़ों के प्रति कैसे दयालु रहना चाहिए, यह उसने जॉन से सीखा था। वह मेरे सँवारे जाने में जॉन की मदद करता और जॉन ने उसे मेरे जिस्म के वे हिस्से भी दिखाए, जहाँ साईस अगर रगड़कर ब्रश करे तो घोड़े को नुक्सान पहुँच सकता है ; और वे भी हिस्से दिखाए जहाँ रगड़ना या थपथपाना घोड़े को अच्छा लगता है ।


कुछ दिनों के बाद मैं जिंजर के साथ बग्घी खींचने के लिए गया। मुझे उससे डर लग रहा था। वह इतना गुस्सैल लग रहा , जैसे ही मुझे उसके करीब ले गए, उसने अपने कान पीछे की ओर कर लिए, मगर जब मुझे उसकी बगल में जोता जा रहा था तो वह चुपचाप खड़ा रहा। 


जॉन हमें हाँक रहा था, और हमने बहुत बढ़िया काम किया। जिंजर ज़रा भी आलसी नहीं था। टीलों पर चढ़ते हुए वह भी उतना ही ज़ोर लगा रहा था जितना कि मैं और वह हमेशा ज़्यादा तेज़ चलने के लिए तत्पर था। कई घोड़े तब तक ज़्यादा ज़ोर लगाकर गाड़ी नहीं खीचते, जब तक कोचवाम उन्हेंं चाबुक से नहीं मारता, मगर जिंजर मेरे जैसा ही था; अगर कोचवान चाहता कि हम तेज़ चलें,तो हम जितना हो सकता था, उतना तेज़ चले। 


जॉन को चाबुक पसन्द नहीं था और उसने हम पर एक भी बार चाबुक नहीं बरसाया, मगर इसके बगैर ही हमने उसके लिए कड़ी मेहनत की। वह हमेशा कहा करता कि यदि किसी घोड़े की देखभाल अच्छी तरह की जाए तो उसे चाबुक मारने की ज़रूरत नहीं पड़ती।


जब मैं और जिंजर कई बार एक साथ बग्घी में जोते गए तो हम अच्छे दोस्त बन गए ।


हमें छोटा-सा मैरीलेग्स बहुत पसन्द था. वह बहादुर था और हमेशा ख़ुश रहता था । ज़मीन्दार की छोटी लड़कियों को उस पर सवारी करना बहुत पसन्द था और उन्हें उस पर से गिरने का भी डर न लगता ।


मिसेज गॉर्डन, ज़मीन्दार की पत्नी,हम तीनों से बहुत प्यार करती थी और हम भी उसे प्यार करते. ज़मीन्दार गॉर्डन को अपने लोगों को सप्ताह में एक दिन छुट्टी देना अच्छा लगता. घोड़ों को भी छुट्टी मिलती ।इतवार के दिन वे हमें बढ़िया घास के मैदान में ले जाते और हम पूरा दिन वहीं बिताते – बिना लगाम के और बिना ज़ीन के. हम इधर-उधर भागते, खेलते और ख़ुश रहते. फिर हम किसी पेड़ के नीचे खड़े हो जाते और कहानियाँ सुनाते ।


Rate this content
Log in