बीबी जहरा ये दुआ है
बीबी जहरा ये दुआ है
"या फातिमा, उम्मे अबिहा, बिंत-ए-पैग़म्बर, कैरुन्निसा,या ज़हरा, या ज़हरातू है सिद्दीक़ा, तू ताहिरा और तूही शफ़ी-ए-रौज़े ज़ाज़ा,ऐ मेरी बिबी, वक़्त-ए-मदद है, हर मतमी के दिल के सदा है(बिबी ज़हरा ये दुआ है) x2 आप के दरबार में बिबी ज़हरा ये दुआहै
दस्त-ए-दुआ को जब भी उठाया, मांगा है तेरी चादर कासाया, (या ज़हरा) x2वक़्त-ए-मुसीबत में हर हुसैनी बस नाम तेरा,होंठों पे लाया,ऐ मेरी बिबी, तंग दस्त हूँ मैं, ये कहके दमन फैलादिया है(बिबी ज़हरा ये दुआ है) x2 आप के दरबार में बिबी ज़हराये दुआ है
वो बिबी जिसकी है गोद क़ली, चौखट पे तेरी है वोसवाली (या ज़हरा) x2मुझको भी दे देदे असग़र का सद्क़ा मैंने तेरे दर से लोलगाली,ऐ मेरी बिबी, जिन गोदियों में, औलाद है वो तेरी आता है(बिबी ज़हरा ये दुआ है) x2 आप के दरबार में बिबी ज़हराये दुआ है
जो माए बहनें बे आसरा हो फर्श-ए-आज़ा पर मेहवेबुक्का हो (या ज़हरा) x2तू उनके पर्दों की लाज़ रखियो जो तेरी ज़ैनब की ज़ाकिरा हो,ऐ मेरी बिबी, ज़िंदा रहे वो, भाई जो बहनों का आसराहै(बिबी ज़हरा ये दुआ है) x2 आप के दरबार में बिबी ज़हराये दुआ है
जो तिफ्ल रोकर पर्ते हैं नौहा, हर अठवी को बनते हैं सक्का (या ज़हरा) x2हर रौशनी की है ये ज़मानत, मैं हर चराग़-ए-बाज़म-ए-आज़ा,ऐ मेरी बिबी, बुझने न पाया, औन-ओ-मोहम्मद कावास्ता है(बिबी ज़हरा ये दुआ है) x2 आप के दरबार में बिबीज़हरा ये दुआ है
जो अपने बेटों का भूल कर ग़म, करती हो तेरे, अकबरका मातम (या ज़हरा) x2उन माओं को तू, दे सब्र बिबी वो फिर न देखे औलादका ग़म,ऐ मेरी बिबी, उस माँ को कोई ग़म न हो जिसको ये ग़ममिला है(बिबी ज़हरा ये दुआ है) x2 आप के दरबार में बिबी ज़हरा ये दुआ है
है याद अबतक पुरदर्द-ए-मंज़र प्यासे की गर्दन,ज़ालिम का ख़ंजर (या ज़हरा) x2हम तेरे प्यासे बेटे का सद्क़ा यूँ मांगते हैंफर्श-ए-आज़ा पर,ऐ मेरी बिबी, आबाद रखना वो घर के जिसमें फर्श-ए-आज़ा है(बिबी ज़हरा ये दुआ है) x2 आप के दरबार में बिबीज़हरा ये दुआ है
शब्बीर की वो मज़लूम दुख्तर, ज़िंदान से जो, ना जासकी घर (या ज़हरा) x2सदक़े में उसके, हम पर करम कर, बेजुर्म-ए-क़ैदीकहते हैं रोकर,ऐ मेरी बिबी, अब ये असीरी हो ख़त्म आबिद कावास्ता है(बिबी ज़हरा ये दुआ है) x2 आप के दरबार में बिबी ज़हराये दुआ है
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