बातें
बातें
1 min
28
क्या कहे कहने को क्या है , बस बातें तो है पर बातों को समझना बात बनाने जैसा तो नहीं है आज के ज़माने में जहाँ सब व्यस्त है अपनी ही काल्पनिक दुनिया में वहाँ मैं तलाश रहा हूँ अपनी बातों के लिए एक बात करने वाला जो बन सके मेरे बातों में बातों वाला हमसफ़र।।
