अपने स्थान पर सभी अच्छे
अपने स्थान पर सभी अच्छे
एक बार की बात है मेरे दायें हाथ और बायें हाथ में बहस हो रही थी। दायें हाथ को अपने आप पर बहुत घमंड हो गया। उसने बायें हाथ से कहा " मैं तुमसे बहुत शक्तिशाली हूँ, मैं ही सभी काम करता हूँ। " लेकिन बायें हाथ ने बड़ी विनम्रता से कहा, " नहीं भाई नहीं इनसान को देनो हाथों की ही जरूरत होती है। हम दोनों ही अपने स्थान पर अच्छे हैं । हमें मिलकर इनसान की मदद करनी चाहिए। " यह सुनकर दायाँ हाथ हसने लगा और बायें हाथ की बातों का मजाक उड़ाने लगा। तभी बायें हाथ को एक उपाए सूझा । उसने दायें हाथ को अकेले ताली बजाने को कहा। दायें हाथ ने बहुत कोशिश की लेकिन वह अकेला ताली नहीं बजा सका।अब दायें हाथ को समझ आ गई कि उसे अपने आप पर घमंड नहीं करना चाहिए, दूसरे के अस्तित्व को भी कम नहीं समझना चाहिए। दायें हाथ ने बायें हाथ माफी मांगी और वह दोनों पक्के मित्र बन गए।
