अनोखा रिश्ता

अनोखा रिश्ता

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अपने ही घर में बहुत दिनों से माई को परेशान देख, एक दिन छोटू ने पूछ ही लिए उदास क्यों रहती हो।

माई ने मुस्कुरा के जवाब दिया, मैं तो ठीक हूं।

छोटू माई के मुस्कान के पीछे का दर्द देख सकता था पर उसके कारण से अनजान, हमेशा उसे हँसाने की कोशिश करता।

कुछ दिनों बाद उसे पता चला के पिताजी के जाने का दुख माई को परेशान करता है। जाके माई से बोला वो, तू क्यूँ खुद को परेशान करती हैं, मैं जानता हूं तेरे दुख का कारण, तू पिताजी के खो जाने से डरती है।

इसलिए वो तेरे संग लुका छुपी खेल रहे है। तू उदास ना हो हम मिल के उन्हें ढूंढ लेंगे। मैं हूं ना तेरा साथ हम ये खेल जीत लेंगे।

बच्चे की नादानी ने माई को मुस्कान दी। खो चुकी थी अपने पति को उस हादसे में लेकिन बेटा दुखी ना कर माई ने लुका छुपी को ही ज़िन्दगी मान मुस्कुराने की ठान ली।



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