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जंगल बिन
आयुष्य
SemantदेववाणीदेवAttitudeBehaviorLove
अब इस वक़्त भी
आंख मूंद कर कैसे यकीन करें
जलन रिश्तों की
हमारी पहचान
विश्वासवरुण
कितना नहीं बल्कि कैसे जिए
चार दिन की चाँदनी
सत्कर्म का उचित समय
बेशुमार
बढ़ती जा रही
मंज़िल
अमावस्या ने तो आना ही
कर्मभूमिपरफलकेलिए
आँखें
सफ़र
करते
Hindi
कैसे-कैसे
Quotes
मंगलवार: यारों ईश्वर कैसे रिश्ते बनाता है, कभी अपना रूलाया ...
सब मिल करके करो विचार। जंगल बिन कैसे निस्तार।। ...
वाणी का वार ,करता ह्रदय तार-तार। ज़ख्म दिखते नहीं, पर छलनी हो ...
बुधवार: पहले बेपनाह बेशुमार प्यार था, भाई-बहन का रिश्ता अनमो ...
इस दुनिया में हमारी पहचान, आयु न होकर हों हमारे कर्म। कितना ...
हर किसी पर आँख मूंद कर विश्वास करना उचित नहीं है।
बुधवार: हम सब मुसाफ़िर सफ़र करते, मंज़िल को कैसे भी पाना होग ...
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