STORYMIRROR

यश-अपयश की...

यश-अपयश की करें न चिंता, हम सदा करते रहें शुभ कर्म। अधर्म पीड़ादायक कर्म हैं होते, सुखदायक कर्म होते हैं धर्म। @ डी पी सिंह कुशवाहा @

By Dhan Pati Singh Kushwaha
 413


More hindi quote from Dhan Pati Singh Kushwaha
1 Likes   0 Comments
1 Likes   1 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments