“
सरल व्यक्ति से किया छल, कपटी की बर्बादी का कारण होता है।
जब यह वाक्य हम पढ़ते हैं तब इस वाक्य के दो पात्रों में से,
सहज भाव से हम, सरल व्यक्ति, अपने को मानते हैं।
क्या हम हर पाठक, कपटी होते ही नहीं हैं?
या
अपने को छला जाना ही हम जानते हैं - अपना किया छल हम देख नहीं पाते हैं।
rcmj
”