STORYMIRROR

शैक्षणिक...

शैक्षणिक एवं धन उपार्जन योग्यता में नारी, पुरुष के समान होने पर अपने कोमल हृदय में दया एवं करुणा रखकर तथा बच्चे जन्मने की प्रसव वेदना सहकर तुलनात्मक रूप से श्रेष्ठ होती है। तब शारीरिक बल के कारण साहसी प्रचारित पुरुषों में से कुछ पुरुष, परंपरागत संकीर्ण सोच के वशीभूत, वैचारिक रूप में बलवान होना प्रदर्शित नहीं कर पाते हैं। वे, नारी उत्थान को उनके परिहास रूप में मुख्य कर दिखाते हैं .... rcmj

By Rajesh Chandrani Madanlal Jain
 236


More hindi quote from Rajesh Chandrani Madanlal Jain
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments