STORYMIRROR

सद्-मार्ग...

सद्-मार्ग (सत्पथ) पर चलने की योग्यता, मनुष्य में जन्मजात गुण है। कुमार्ग या बुरे पथ में चलने की प्रवृत्ति, मनुष्य के जीवन में - संस्कारहीनता, कुसंगत एवं धन अभाव ‘मानने’ से उत्पन्न होती है। सत्पथ पर चलने का गुण आजीवन बना रहता है जबकि कुपथ पर चलने की जन्मी प्रवृत्ति, सुसंगत, अच्छी शिक्षा एवं संस्कार से नष्ट की जा सकती है rcmj

By Rajesh Chandrani Madanlal Jain
 285


More hindi quote from Rajesh Chandrani Madanlal Jain
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments