“
मौसम यह बदलाव का आया, चलो मौसम के संग बदलें,
कुछ तुम बदलो, कुछ हम बदलें, एक दूजे के संग चलें।
बदलाव जीवन का सतत नियम, चलो भावों को बदलें,
मन में जो फैले दुर्भाव, उन कलुषित भावों को बदलें।
परिवर्तन प्रकृति की पहचान, परिवर्तन की डगर पर चलें,
चलो थोड़ा बदल लें ख़ुद को, बदलाव की हवा में बह लें।
पुराने नियमों को छोड़ कर, नये नियमों को मान चलें,
तोड़ कर पुरानी सारी बंदिशें, सारी रंजिशें मिटाते चलें।
समय की
”