STORYMIRROR

अज्ञान का...

अज्ञान का था तम घोर प्रबल, खोले गुरु ने ज्ञान के चक्षु, दिया ज्ञान का भंडार खोल कर, शिष्य जब बना ज्ञान का भिक्षु। श्रम के दीये जलाकर गुरु ने , शिष्य को दिए ज्ञान के मोती, अथक श्रम किया शिष्य ने भी, पा ली ज्ञान की प्रखर ज्योति।

By ca. Ratan Kumar Agarwala
 137


More hindi quote from ca. Ratan Kumar Agarwala
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments