“
"मानव स्वयं का दुश्मन"
हाथों में कुल्हाड़ी लिए वो हवा काटने जाता है
मानव बना खुद का दुश्मन अनमोल खजाने गँवाता है
दूषित किया जल, जहरीली की हवा
विवेकहीन बन मानव ने किया प्रकृति पर अत्याचार..
अपने ही हाथो कर खुद का सत्यानाश,
अब दोहराये आ बैल मुझे मार
”