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मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण सूत्र -
एक मनुष्य को आजीवन एसेट (वैभव) की तरह रहना चाहिए। एसेट होकर वह जहाँ/जिसमें भी रहता है यथा -
परिवार, समाज, व्यवसाय, कंपनी, देश या विश्व, पूरे जगत में स्वागत योग्य होता है।
ज्यों ही वह इनमें से कहीं भी एसेट से लाइअबिलिटी (उत्तरदायित्व) बनता है, अवांछित (अनवांटेड) लगने लगता है ..
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