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मानसिक रूप से सबसे अधिक आहत हम, किसी के द्वारा हमसे किए वादे के तोड़ने से होते हैं।
अतः इसे अनुभव में रखते हुए अपने व्यक्तित्व में सर्वप्रथम गुण हमें, किसी से भी अपने किए वादे निभाने का लाना चाहिए।
वादे तोड़ने के बहाने करने की असाहसिक कुप्रवृत्ति अपने पर हावी नहीं होने देनी चाहिए ...
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