STORYMIRROR

कुशाग्र...

कुशाग्र बुद्धि, बलवान, क्षमतावान, रूपवान होने का अहंकार अपने मनोमस्तिष्क पर हावी नहीं होने देना चाहिए। समय अवश्य आता है जब ये क्रमशः क्षीण होते जाते हैं। तब यदि हमने इन बातों का अहंकार किया हो तो इसका पश्चाताप ही बचता है rcmj

By Rajesh Chandrani Madanlal Jain
 220


More hindi quote from Rajesh Chandrani Madanlal Jain
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments
0 Likes   0 Comments