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जन्मदिन पर बढ़ गया उम्र का एक साल
देखा पीछे क्या देकर गया यह एक साल
इसमें कुछ प्रिय छूटे, कुछ नए मिले अपने
बीच, सद्कर्म का क्रम चला और एक साल
एक पूरी उम्र जीनी है तो, मुझे बूढ़ा भी होना होगा
कुछ अपने, यौवन अपना, अप्रिय मगर खोना होगा
पाया हुआ किसने नहीं खोया, यथार्थ समझ कटु
अवस्था जो आए, मुझे सार्थक जीवन जीना होगा
rcmj
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