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जब हम किसी (अपने से हीन, छोटा भी) का आदर करते हैं तब अनायास ही ईश्वर का भी आदर करते हैं क्योंकि हर व्यक्ति के जन्म का निमित्त ईश्वर होता है। किसी कौम, जाति, नस्ल आदि के प्रति सिर्फ अपनी चिढ़ या नफरत से, हमें किसी का अनादर नहीं करना चाहिए। यदि हम ऐसा करते हैं तो हम ईश्वर का भी अनादर करते हैं ...
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