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इस संसार में पैदा हर मनुष्य सिर्फ अच्छा या सिर्फ बुरा नहीं होता अपितु अच्छाई या बुराई का एक अनिश्चित अनुपात होता है। किसी बहुत अच्छे व्यक्ति में बुराई का होना ठीक उसी प्रकार संभव है जैसे किसी बहुत बुरे मनुष्य में कुछ अच्छाई का मिलना।
✍️उल्लास भरतपुरी
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