STORYMIRROR

गरम...

गरम पश्मीने में सारी खुशियां समेट ली कुछ बरफ में छूट गए वो ग़म किसके हैं पर्बतों में बाहें फैलाती खुशनुमा नज़्म सुनी वादियों में गूंजता मगर वो फ़सानें किसके है, हर उलझन को बारीकी से खोला मगर जो अब तक ना सुलझी वो पहेली कौनसी है होठों पे खिलखिलाती हंसी सबने देखी है दिल में पाले हुए हैं जो दर्द …. किसके हैं !

By Nitu Mathur
 8


More hindi quote from Nitu Mathur
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments