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देखते...
देखते देखते सुबह...
देखते देखते...
“
देखते देखते सुबह से शाम हो गई
भरी महफ़िल में इज्ज़त नीलाम हो गई
वो दो जिस्म एक जान कहने वाली
रातों रात किसी और की जान हो गई
”
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