STORYMIRROR

चल उठ शिशिर...

चल उठ शिशिर और फिर चल, अभी कई इन्तकाम वाकी हैं, ए इन्सान क्यूं डरता है पतंगों से, अभी तो कई मुकाम वाकी हैं, आज मिन्नत है जिद्दी मन से, की छूकर दिखा आॅसमां को, आज जीता है दिल अपनों का, अभी कई इनाम वाकी हैं , - कवि हेमन्त कुमार सक्सेना

By Hemant Kumar Saxena
 100


More hindi quote from Hemant Kumar Saxena
12 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments
1 Likes   0 Comments

Similar hindi quote from Inspirational