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चापलूसी पसंद प्रवृत्ति, स्वयं को संतुष्ट कर सकती है मगर राष्ट्र हित या समाज भलाई नहीं करती है।
इससे अपनी उपलब्धि प्रतीत होने का भ्रम अल्प समय रहता है। जबकि इस प्रवृत्ति में वृद्धि या इसका व्यापक होना
मानवता की दृष्टि से दीर्घ कालीन दुष्प्रभाव का कारण होती है
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