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अपने को कमजोर मान लेना या प्रतिकूल परिस्थतियों के समक्ष घुटने टेक देना, सरल विकल्प होता है
हमें अपने में सबके समतुल्य क्षमताओं का होना मानने का, कठिन विकल्प चुनंना चाहिए
जीवन का परिपूर्ण आनंद ले पाने एवं इसे सार्थक करने में यही एकमात्र सहायक विकल्प है
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