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२३/०१/२५::तेरी छाया में काया होमाई जायेगी! तुम बहुत ऊंची माया हो! यदि मै पार पाऊंगा तो बहुत अच्छा!
०३/०२/२४::अगर कोई है जो कुछ दे और मुझे संभाल भी सकता है तो वो है "तुम"! अदा करें!
१५/०१/२३::सभी बाबत पर हां हां और हां! कभी-कभी ना कहना सीखें!
२६/०१/२२::अगर उम्मीद और उम्मीद के मुताबिक नहीं होता पौष की प्र तो मुझे गुस्सा आता है!
०५/०२/२१::आप को शांति से सो जाना नसीब हो!
रसिक परमार "रव" २३/०१/२५
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