एक अंतरीप बन जाता मेरा शरीर जहाँ अश्म ही अश्म है प्राचीन पीड़ाओं के। एक अंतरीप बन जाता मेरा शरीर जहाँ अश्म ही अश्म है प्राचीन पीड़ाओं के।