वो कभी नहीं आया,उम्मीद की रौनी पर बादल मँडराते रहे,और देह की गठरी छन्न-छन्न बुझती रही। वो कभी नहीं आया,उम्मीद की रौनी पर बादल मँडराते रहे,और देह की गठरी छन्न-छन्न बुझत...