आज के समय में देवीय श्रृद्धा इंसानों के पाखंड तक सीमित हो के रह गई ,कभी कभी तो लगता मानों कलम त्याग ... आज के समय में देवीय श्रृद्धा इंसानों के पाखंड तक सीमित हो के रह गई ,कभी कभी तो ल...