ये शहर
ये शहर
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तेरे दर पर ये मेरा सर मौला
अब ये शहर मेरा, ये मेरा घर मौला।
मैं जो चाहूं, क्यू मैं वो चाहूं
बेहतर मुझसे तू जाने है
जो मैं न मुझ में जानू हूँ
मेरे मौला तू वो भी जाने है।
वाक़िफ़ तू है मेरे रग रग से
कर मुझको और मुनव्वर मौला।
तेरे दर पर ये मेरा सर मौला
अब ये शहर मेरा, ये मेरा घर मौला।
तेरे रहमत पर
अटकी मेरी जान है
मैं बंदा हूँ तेरा
तू ही मेरा रहमान है।
ये मेरी आखरी बाज़ी है
बता दे मौला की तू राज़ी है?
कर दे वरना शाम से मेरे जुदा सहर मौला ।
तेरे दर पर ये मेरा सर मौला
अब ये शहर मेरा, ये मेरा घर मौला।
