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Anil Bajaj

Others

3.5  

Anil Bajaj

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वक्त

वक्त

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ऐसा भी आया था वक्त, 

सब के पास था वक्त, 

मामला था बड़ा सख्त, 

हर कोई था भीतर से फक्कड़, 


सब को याद आ गयी नानी, 

करोना ने फेर दिया था पानी, 

लिख चुकी थी भयंकर कहानी, 

अब न चलेगी इंसान की मनमानी, 


अब तो सुघर जाओ ए इंसान, 

दुनिया के तुम चंद दिन के मेहमान, 

ये दुनिया है ऊपरवाले की शान, 

गुसताखी करोगे, तो निकल जाएगी जान.


ऐसा भी आया था वक्त, 

जब सब के पास था वक्त.


 





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