वक्त
वक्त

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ऐसा भी आया था वक्त,
सब के पास था वक्त,
मामला था बड़ा सख्त,
हर कोई था भीतर से फक्कड़,
सब को याद आ गयी नानी,
करोना ने फेर दिया था पानी,
लिख चुकी थी भयंकर कहानी,
अब न चलेगी इंसान की मनमानी,
अब तो सुघर जाओ ए इंसान,
दुनिया के तुम चंद दिन के मेहमान,
ये दुनिया है ऊपरवाले की शान,
गुसताखी करोगे, तो निकल जाएगी जान.
ऐसा भी आया था वक्त,
जब सब के पास था वक्त.