तुम याद रहोगे- '2020 '
तुम याद रहोगे- '2020 '
शुरुआत हुई सीएए/एनआरसी कि विरोध के साथ,
फिर आई कोरोना के कहर के हाथ।
कोरोना आई तो थी परदेसी चीन से,
पर असर कुछ ऐसा कर गई की कुछ ना हो सका हकीम से!!!
पता ना चला कब केरल से,
कर्नाटक तक,
महाराष्ट्र से तेलंगाना तक,
कश्मीर से,
कन्याकुमारी तक ...!
सभी जगह फैला मौत का आतंक!!
लॉकडाउन की स्थिति को अंजाम,
दिया देसी उपचार,औषधि एवं फलों के साथ!
दिखा आदमी वस्त्रों की जगह मास्क सिलता,
न जाने कब तीन माह बीता!
बर्तन,थाल, आदि की शोर पूरी दुनिया ने सुनी!
समय बीता, जीवन शैली बदली, नया जीवन मिला|
फिर भी यह कोरोना ज़रा सा ना हिला!!
लोगों को राहत मिली, जब लॉकडाउन समाप्त हुआ,
परंतु खौफ ना गया, न जाने लगी थी हमें किसकी बद्दुआ!!
कई नौकरियां गई, घरों पर कैसी कंगाली का तिमिर छाया,
चारों ओर दिखा बस कोरोना का खौफनाक साया!!
मास्क, सैनिटाइजर और नैपकिन बनी हमारी सहारे की छड़ी,
दुनिया में, जब छाई थी मुश्किल की घड़ी!
पता नहीं कितने कलाकार, पत्रकार, फौजी, चिकित्सक और राजनीतिज्ञ हमने खोए!
सोच कर आंखें अभी भी न चुप होए!
2019 को विदा और 2020 का स्वागत किया था मन से
परंतु, 2020 ने दगा किया हमसे!!!
न जाने कौन सी बुरी घड़ी थी हमारी यह केवल कोरोना नहीं थी,
थी यह एक " वैश्विक" महामारी!!
आई थी एक और परेशानी,
क्योंकि हमने ना रखी सावधानी|
बाढ़ की स्थिति आई,
जो बनी हम सबके लिए बड़ी दुखदाई!
असम सरकार ने लिए कई जरूरी निर्णय,
इधर,
दुनिया में, कोरोना से लोग ,
हुए निर्भय!!!!
कठिन वक्त के साथ,
हर-पल, हर-वक्त, कांपता था हृदय !!
न जाने..... कैसे कटा यह साल हमारा,
परमात्मा बना हमारा आखिरी सहारा!
सावधानी, मुश्किलों एवं दर्द से बीता,
यह दुख-भरा साल हमारा!!!
ए खुदा दुआ है तुमसे,
लाना ना ऐसा वर्ष दोबारा!
" तुमको कभी ना भूलेंगे हम,
तुम याद रहोगे हमें हर-पल!!"
गुड बाय- '2020'