संकल्प
संकल्प
है संकल्प
विश्वास को और पक्का करने का
कल को और बेहतर बनाने का
रोते को हंसाने का
दुनिया को रंगीन बनाने का।।
हो निराश आँखों में रौशनी की लौ
और मिले थके हुए को मीठी सी छांव
बढ़े मेरे हाथ
एक प्यासे को पानी के लिए
गिरे हुए को उठाने के लिए
और कभी कुछ वक़्त भी
खुद की गलतियाँ निकालने के लिए।।
किसी का मैं प्यारा बनूँ
कुछ मुस्कुराहटों में ढलूँ
किन्हीं आँखों में गहरे पैठ
कुछ राज़ उजागर करूँ
कभी खो जाऊं
भुला कर खुद को
तो कभी हो कर भी यहीं
कहीं और का हो जाऊं ।।
है संकल्प
एक आहट में बदल जाने का
किसी को थपथपाने का
सुबह की किरणों के संग
चलकर किसी को गुदगुदाने का
स्वपनों के साथ दौड़ लगाने
और मीलों आगे निकल जाने का ।।
है संकल्प
कुछ कर दिखाने का
डर को जीत जाने का
दोस्ती का हाथ पहले बढ़ाने
और आंसुओं को गिरने से पहले
पोछ देने का।
है संकल्प मेरा
संकल्पों को दुहराने का
खुद से ही प्रतिस्पर्धा
और विजयी होने का
है संकल्प मेरा।
ये संकल्प मेरा।।
