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Sunanda chowdhury

Others

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Sunanda chowdhury

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रंगों का महत्व

रंगों का महत्व

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1. लाल

दुल्हन

लाल जोडे में सजी दुल्हन

मानो लाल फूलों का उपवन

लाल अधरों की नर्म पंखुड़ी

प्रियतम का हृदय ले उडी़


लाल सिंदूर से बना रिश्ता

दिआ एक दुजे पर अधिकार

लाल चुड़ियों की खनक से

स्वत: ही बज उठे दिल के तार


लाल घूंघट तले शर्माती आंखे

लाज की सीमा तोड़ने को तैयार

पिया छूअन से सुर्ख हुये 

प्रिया के गाल जैसे लाल गुलाल.


2. पीला

   भोर

भोर के सूरज की आभा स्वर्णिम

चहक उठे खग, महका उपवन

कोमल, गर्म किरणों ने छुआ

चंचल हो गया तन और मन


क्षितिज की गोद से उठ

आसमान में जा पहुँचा

सपनो और नियति की दौड़ मे

अग्रसर हो हर कोना गूंजा


सरसों के फूलों का दुपट्टा

ओढ़े खेत की हरियाली

संदेश देती है मानो

आने वाली है खुशहाली.


3. नारंगी

  उषा काल

उषाकाल मे जब सूर्य ने

किरणों का नारंगी पट खोला

हुआ उजाला संसार में

पक्षी चहरे, पत्तों का तन डोला


सपनों से भरे जवां आखों ने

आराम दायी शय्या छोडा़

सच करने सपनों को अपने

मेहनत की ओर रुख मोड़ा


रात की गहरी कालिमा को

प्रातः की नारंगी दूर करती

निराशा के बादलों को हटा

पुरूषार्थ करने की सीख देती.


4. हरा

  प्रकृति

 बसंत ॠतुराज के आगमन से

 छा जाता हरियाली का शामियाना

पतझड़ मे थी प्रकृति दु:खी

इठलाती है पाकर रूप राशि दुगुना


यही नियम है जीवन का

पाने के लिये कुछ पड़ता है खोना

धूप, वर्षा सहकर पकती है फसल

आग में तपकर निखरती है सोना


प्रकृति हर रुप मे अपने

जीवन मंत्र का पाठ पढ़ाती

गिर कर फिर हंस के उठना

सावन की हरियाली दर्शाती.


5. नीला

आकाश

नीले विस्तृत अंबर में

चांद और असंख्य सितारे

सारी रात नीरव रह चमकते

कितने दूर पर कितने प्यारे


चंद्रमा की चांदनी नित

घटती बढ़ती नियमानुसार

तारे मानो आंचल बिछाये

करती प्रतीक्षा और मनुहार


लगती राधा की चुनरी

लहराती चली श्याम के पास

छिप जायेंगे भोर होते ही

कृष्ण -राधा मिलन का सुखद अहसास.


6. बैंगनी

  ज्ञान चक्र

सात चक्रो में ज्ञान चक्र

है आध्यात्मिकता का केंद्र

बैंगनी ज्ञान चक्र का ध्यान कर

साधना से बन सकते जितेन्द्र


गूढ़ आत्मा के रहस्य को

स्व चिंतन द्वारा करे प्रकाश

इंद्रधनुष के रंगों मे निहित

जिससे सुंदर दिखे आकाश


ज्ञान सागर के अथाह जल में

छिपे जो परम शांति के मोती

सब रंगों से न्यारी है वो

ज्ञान चक्र का अनुभव कराती.


7. गुलाबी

 प्रियतमा

 अल्हड़ सी प्रियतमा के

 खुले जब गुलाबी अधर

 खनकती हंसी से झूम उठा मन

 रूप लावण्य गया और निखर


तितलियों की तरह चंचल

उसके पांव न पड़ते संभल

नज़रें जब टकराई पिया से

होने लगी हृदय मे हलचल


लाज की गुलाबी मुस्कान

होंठों से जा आंखों में छाई

गुलाबी पल्लू से मुंह छिपाना

आह! बिन बादल बरसात आई. 


8. काला

   काला रंग 

श्री जगन्नाथ का रंग काला

विशेष सबसे रुप निराला

संगीत, नृत्य से होते प्रसीद

सरल भक्ति का मतवाला


शक्ति की प्रतिमूर्ति काली

दृढ़मना, बलशाली, रौद्र रुपिणी

पाप का विनाश करती देवी

अति दयामयी, मंगलकारिणी


सत्यं शिवं सुंदरम, दिगंबर

शिवलिंग का रंग भी काला

काला टीका कुदृष्टि से बचाये

महत्वपूर्ण है इसलिए रंग काला.


9. सफेद 

 शांति प्रतीक

श्वेतकमल पर विराजित शुभ्रा

मन में असीम शांति भर देती

सौम्य, पवित्र संगीत के सुर

मंत्रमुग्ध कर मन हर लेती


सुसंपर्क और उदारता का

प्रतीक होता श्वेत कपोत

श्वेत पताका शांति का सूचक

बढाये परस्पर मैत्री की जोत


सब रंग है इसमें समाये

फिर भी न कोई अहँकार

साफ, सरल होकर रहता

देता सरलता का संस्कार.


10. भूरा 

  मृत्तिका

मिट्टी है आधार सबकी

पंचतत्व मे सबसे भारी

जीवन पनपता मिट्टी पर ही

अंत मे उसमें ही मिल जाती


जन्म माटी का तिलक लगाकर

वीर संग्राम में कूद जाते

भूरा रंग वीरों के मस्तक पर

शौर्य, साहस, शक्ति चमकाते


भूरे रंग की अपनी महत्ता

निज स्वाभिमान का प्रतीक है

देश अपना सुरक्षित हो तो

जीते हम सब निर्भीक हैं.


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