तेरा कोई सानी न होअहम की तुझमे निशानी न होकर करम तू थाम लेज़िन्दगी जो रफ़तार है............ तेरा कोई सानी न होअहम की तुझमे निशानी न होकर करम तू थाम लेज़िन्दगी जो रफ़तार है.....