'पुण्य'
'पुण्य'
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नौ नौ दिन पाक उपवास करें, बाकी दिन क्या बदमाशी का,
जो पाप लगे करें पहले फिर रास्ता देखे हम गंगा काशी का।
नौ नौ दिन पाक उपवास करें, बाकी दिन क्या बदमाशी का,
जो पाप लगे करें पहले फिर रास्ता देखे हम गंगा काशी का।