प्रोम्पट-14
प्रोम्पट-14
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जिनि ने क्या जादू किया, सब सुनहरा हो गया,
आसमान से नीचे उत्तरी आसमान खाली हो गया.
आँखो की रौशनी तो देखो जैसे चांदनी चमक रही हो,
स्वर्ग से जैसे कोई परी आ गई हो.
मेरे पास आकर बोली हुकुम मेरे आका,
तब जाके पता चला ये तो है हुकुम का ईक्का.
मांग ले बेटा जो चाहिए जिनि से,
मन मे ख्याल आया धीरे से, मांग लू जो चाहिए.
आँखो देखी बात है, अगर दुनिया जिनि से चलती है,
तो दुनिया मे कोई गरीब, लाचार, बेचारा नहीं होता.
जिनि देखने वाले तो नींद मे ही होते हैं,
शायद वो सपना ही टूट गया जहां जिन दीखते हैं।
