पिता
पिता
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जीवन में कभी तुम्हारा पैर
लड़खड़ायेगा
जब कभी मुसीबत की मार से
तू गिर जाएगा
यही वो वक़्त है जब माँ का
दिल तड़फड़ाएगा
और तेरे को एक हाथ आगे से
मदद को आएगा
एक आवाज़ जो तुझे उस वक़्त
भी डांटते हुए कहेगी
चल उठ!! क्या आराम कर रहा है
और उठा के काँधे का सहारा देते
हुए तुझे बार बार उठाएगा।
बाप के प्यार को दुनिया ने बहुत
ही कम सराहा है
माँ के बारे में सबने दिखाया है
पढ़ा, गुनगुनाया, लिखा और
कहानियों में सुनाया है
लेकिन पिता पे जब खोज तो
ज्यादा कुछ नहीं पाया है
ये न भूलना मेरे दोस्त अपनी
जरूरते काट के,
हर ख़ुशी, हर चीज़, हर बाजार
का सामान तुझे उसी ने दिलाया है ।
आज है वो, तो कुछ चंद बातें कर
लो मेरे यार
व्यस्तता से निकल कर दिल खोल
के कभी मिल लो मेरे यार
वक़्त कैसे निकल जाएगा यह कोई
नहीं देख पाया है
हर बाप के जाने के बाद
काश उस वक़्त
यह कह कर हर बेटा पछताया है।