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Şhəəlpą Dêdhïâ

Others

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Şhəəlpą Dêdhïâ

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पीपल का पेड़

पीपल का पेड़

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मैं एक पीपल का बूढ़ा पेड़ ।

मैंने अपने जीवन में

कई धूप छांव देखे,

कई रंग बदलते देखें,

कई मौसम देखे।।

मैंने अपने जीवन में  

हमेशा देना और समर्पित  

करना सीखा है ।।

हर समय सबका भार ढोया,

बदलाव जीवन चक्र का  

एक हिस्सा है ।

इसीलिए मै कभी कोई भी  

शिकायत नहीं करता,

अपने जीवन को हर  

रंग और संग में  

ढाल लिया है मैंने ।

हर मौसम में बदलाव  

आता है, और मै

अविचलित अपनी जगह  

खड़ा रहता हूं।



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