पापा
पापा
पापा अगर में कहीं खो जाऊँ,
तो ग़म ना करना,
आपने मेरे लिए जो सपने संजोये थे,
उनको टूटने ना देना।
तेरे लिए में अब भी रानी थी,
और जहाँ हूँ, वहाँ भी रहूँगी।
एक तूने ही मुझे अपने दिल मे रखा था।
बस ग़लती मेरी इतनी थी,
मैंने हर किसी को तुझ सा समझा था।
हाँ मैं मानती हूँ जब मैं तेरे पास थी,
हर मनमानी मेरी थी।
फिर तूने मेरे जीवन मे एक सपना संजोया था।
कल्पना कर बैठी थी,
कि वो मेरा हमसफर बनेगा,
पर क्या पता था उसके
अंदर में के सिवा कुछ नहीं था।
ना उसे किसी की परवाह थी ना किसी की ख़बर,
असल मे था वो मेरी ज़िंदगी से बेखबर,
इस बात की ख़बर में तुझ को कैसे देती।
तेरा दिल बहुत नाज़ुक था,
टूट जाता मेरे सामने तो खबर किसको देती ।
मेरे जाने के बाद मेरा ग़म ना करना,
बस छोटी को सब सहने की शिक्षा देना,
पराये घर जाना है उठ आएगी देरी से,
खाने में नमक नही हैं तो मत छुपाना छोटी से,
दुनिया बड़ी खराब है देखना दुनिया की नज़रों से
नापाक हैं इरादे उसके समझना उसके इशारों से।
बस पापा इतना करना मेरी बातों को
याद करके हँस देना।
बस पापा अगर में कहीं खो जाऊं ,
तो ग़म ना करना,
आपने मेरे लिए जो सपने संजोये थे,
उनको टूटने ना देना।