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Sushma Ranjan

Others

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Sushma Ranjan

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निर्भया तू मरी नहीं अमर हो गई

निर्भया तू मरी नहीं अमर हो गई

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थी वह किसी की बेटी ,बहन, दोस्त और नारी,

जीने का हक था उसे और देखनी थी उसको दुनिया सारी

फिर क्यों कुछ वैसे ही दरिंदों के कारण वह हमेशा के लिए सो गई।

निर्भया तू मरी नहीं ,अमर हो गई ।


वह खुद तो चली गई ,

पर इस देश में लोगों के हर भेष में ,

होने वाले कई आंदोलनों में,

एक बुलंद सी आवाज बन गई।

निर्भया तू मरी नहीं अमर हो गई।


तेरे जाने के बाद ,

तेरी उस पीड़ा को सब ने समझा।

किस तरह तू मौत से लड़ी,

निडर होकर अड़ी रही,

आखरी सांस तक तूने संघर्ष किया और फिर

आखिरकार इस दुनिया से विदा लिया ।

कल तक तू थी यहीं कहीं ,

आज कहीं खो गई ,

निर्भया तू मरी नहीं अमर हो गई।


जो दुष्कर्म हुआ तेरे साथ ,

बर्बरता सा व्यवहार गूंज उठी ,

पूरे देश पूरे शहर वो समय वो घड़ी और पहल ।

पर आज भी तेरे कातिल वह वहशी दरिंदे जिंदा है ,

और इस बात से पूरा भारत शर्मिंदा है ।

आज तू समाचार की सुर्खियों में कहीं खो गई।

निर्भया तू मरी नहीं ,अमर हो गई ।


देख इन दरिंदों को कब लगती है फांसी,

क्योंकि हर बार याचिका लगाने से इन्हें मिल जा रही है माफी।

किसी तरह मौत से बचते हुए इनकी सांसे चल रही हैं ,

और इनकी फांसी की तारीख भी उसी अनुरूप चल रही है ।

क्या यही है भगवान की मर्जी ।

है या व्यवस्था की ये अर्जी।

इनके बीच तेरी मध्यम सी छवि मानो विलीन हो गई ।

निर्भया तू मरी नहीं अमर हो गई ।


बंद मत करो अब इन्हें कानून के किताबों में,

जिंदा रखो अब इन दानवों को जेल की सलाखों में ,

ताकि फिर कोई निर्भया कहीं शिकार ना हो जाए।

इस मुकदमे को इंसाफ ना मिल पाने पर मासूमों पर अत्याचार ना हो जाए।

कहीं फिर कोई निर्भया की इज्जत नीलाम ना हो जाए,

और यह दर्दनाक किस्सा कहीं आम ना हो जाए ।

इस दौरान ही तेरी इंसाफ की पुकार कहीं खो गई ।

निर्भया तू मरी नहीं अमर हो गई।


सरकार से है यह गुजारिश कि

निर्भया के नाम को कलंकित मत करना।

इंसाफ के विनाह पर उन हत्यारों को रिहा कर

भारत मां को शर्मिंदा मत करना,

क्योंकि निर्भया भारत की उस हर बेटी में है ,

जो बस अपना हक नहीं ,

अपने साथ बुरे हुए का इंसाफ चाहती है।

वह भीख में कुछ ना ही सही ,

पर इज्जत और पहचान चाहती है ।

अपने मां -पिता के साहसी आवाज थी तू,

उनका सपना ,उम्मीदें और नाज थी तू,

वक्त के किसी घिनौने चाल में खो गई ,

लगता है ,तू धरती मां की गोद में सो गई ।

निर्भया तू मरी नहीं अमर हो गई ।


हां यह सच है कि तू हमारे दिलों में आज भी जिंदा है ,

और तुझे इंसाफ ना मिलने मिल पाने

पर पूरा भारत शर्मिंदा है,

निर्भया तू मरी नहीं अमर हो गई।

निर्भया तू मरी नहीं अमर हो गई।


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