मुंबई की बारिश
मुंबई की बारिश


मानसून में मुंबई की कुछ अलग ही छटा होती है,
पूरा दिन रिमझिम बारिश और काली घटा होती है।
शहर में हर तरफ पानी बेशुमार होता है,
हफ़्तों बाद सूरज का दीदार होता है।
इस मौसम में पूरी जनता इंद्रदेव का आक्रोश झेलती है,
बारिश पूरा दिन आंख मिचौली का खेल खेलती है।
कुछ दिन से में भी इसका लुत्फ़ उठा रहा हूँ,
रेनकोट और छतरी होने पर भी लगातार भीगे जा रहा हूँ।
गेटवे ऑफ़ इंडिया और ताज होटल पानी में अपना अक्स देख रहे थे,
और हम वहां कबूतरों को खाने के लिए दाना फेंक रहे थे।
ताज बारिश की बूंदों में छिपा जा
रहा था,
और अपनी खूबसूरती पे बेइन्तहाँ इतरा रहा था।
एलीफैंटा जाते हुए बहुत शोर था, लोग कुछ कुछ बोल रहे थे,
मेरा मन और कश्ती दोनों इधर उधर डोल रहे थे।
कुनै फाल्स गिरते हुए बहुत शोर कर रहा था,
उसे देखते देखते मन ही नहीं भर रहा था।
पहले कुछ दिन हम बाहर नहीं निकल पा रहे थे,
बस एक दो जगह टैक्सी में ही जा रहे थे।
फिर एक दिन छाता लेकर हम पैदल ही चल दिए,
बारिश के पानी ने हमारे जूते पूरे भर दिए।
मुंबई में जुलाई अगस्त में तो बस बारिशों का दौर है,
इस मौसम में घूमने का मजा ही कुछ और है।