मुहब्बत और हमनाम
मुहब्बत और हमनाम
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हे पार्थ चलाओ बाण सुनो यह कारण नहीं डरने वाला
वह सूर्यपुत्र है ,दानवीर है काल को भी हरने वाला;
अर्जुन का जब बाण छूटा कण का रथ कोसों दूर गया,
अर्जुन का जब बाण छूटा कण का रथ कोसों दूर गया;
करण ने जब सादा बाण तो शायद यह था वह भूल गया;
है विराज सरकार स्वयं ही करण कितने बाण चलाएगा
सूर्य को जो निकल गए थे तो सूर्यपुत्र कहां टिक पाएगा.
