STORYMIRROR

Nisha Bibi

Children Stories

3  

Nisha Bibi

Children Stories

मेरी जान

मेरी जान

1 min
144

मेरे दादा दादी मेरी जान है 

उनका साथ होना मेरा मान है।


मेरे अम्मी अब्बू मेरी जान है,

उनके नाम से हो मेरी पहचान है।


मेरा भाई मेरी जान है,

करता रहता मुझे हर समय परेशान हैं।


मेरी बहनें मेरी जान है,

दुश्मनों की तरह लड़ाई झगड़ा करती रहती मेरे साथ है।


मेरे दोस्त मेरी जान है,

मेरे हर हाल से वो जानी जान है ।


मेरे ख़ुद में भी मेरी जान है,

कामयाबी हासिल करना मेरा मुकाम है।


Rate this content
Log in

More hindi poem from Nisha Bibi