मेरे पिता महान
मेरे पिता महान
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फौलादी इरादों के हैं वो,
हिमालय की चोटी के समान……………… (1)
हर पल चलते, न रुकते वो,
है मुझे उनपे बड़ा अभिमान……………… (2)
कमाल की कलाकृति तराशते वो,
है तकनीकी विषयों का उनको ज्ञान…………. (3)
पक्के इरादों के हैं बंदे वो,
है हँसते उनकी बड़े महान………………………. (4)
हर दिल को भाती वो,
प्यारों से भी प्यारे वो………………………… (5)
कुदरत ने बड़े प्यार से तराशा जिनको,
हैं वो मेरे पिता महान………………………. (6)
चाहे ग़म की बादल छाएँ,
या हो संकट बड़े महान,
बस चलते ही जाते वो,
डूबती नैया को कर देते पार…………………….. (7)
धन्यवाद देती हूँ रब को,
मुझे हीरा जैसा दिया जीवन दान……………… (8)
युग, युगांतरों में भी जो न मिल सकती जो,
ऐसी मिली हैं मुझे पिता महान………………... (9)
