मेरे लफ्ज...
मेरे लफ्ज...
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मेरे लफ्ज़
मेरे ख़्वाब
इक आईना
इक शीशा
एक से मिले जीवन को दिशा
एक से बढ़े जीने की आशा
मेरी ख्वाहिशें
मेरी तमन्ना
कुछ पुरी
कुछ अधूरी
एक से बढ़े जीवन की आस
एक से मिले जीने को साँस
मेरे अहसास
मेरे जज़्बात
कुछ बिखरते
कुछ निखरते
एक से खिले जिंदगी के रंग
एक से बढ़े जीने की उमंग
लफ्जों को घोल दूँ ,
जिंदगी का हर रंग झेल लूँ
मेरे जज्बातों को
मेरे अहसासों को
जी चाहे जैसे जी लूँ
कुछ ख्वाबों से निखर जाऊँ
कुछ ख्वाहिशों सी बिखर जाऊँ
मेरी तमन्नाओं के फूलों से
महके तेरा घर आंगन
तेरे ही संग है जीवन के
हर रंग में रंगना
इत्र सी महक जाऊँ तेरे हर पल में
फूल बनके खिल जाऊँ तेरे मन में!!!
