STORYMIRROR

Poonam Hernwal

Children Stories

4  

Poonam Hernwal

Children Stories

मेरा बचपन ये कहता था..

मेरा बचपन ये कहता था..

1 min
283

तुम जी लो आज मुझे,

मैं फिर लौट कर ना आऊँगा।

तुम याद करते रहना मुझे,

मैं पास तुम्हारे ना आऊँगा ।

मेरा बचपन ये कहता था...२


ये मां की और ये दादी की

कहानियाँ,

ये चुलबुली बातें और नटखट

शैतानियाँ,

ये बारिश में भीगना और

रात भर फिर छींकना,

ख्वाबों में भी ना पाओगे

मेरा बचपन ये कहता था...२


ये भाई से रूठना और

दादा जी का प्यार,

ये स्कूल में जाना, यूँ होकर तैयार,

ये अनोखे खेल और होली-दीवाली

के त्योहार,

यूँ मना ना पाओगे

मेरा बचपन ये कहता था...२


बना लो कागज़ की किश्ती,

या उड़ा लो तुम जहाज़,

ये समय ना वापस आएगा,

जो चल रहा है आज।

मेरा बचपन ये कहता था...२


ये दोस्तों की टोलियाँ ढूँढते रहना,

ये प्यार भरी बोलियाँ ढूँढते रहना।

जब तुम चाहोगे लौटना,

वापस लौट ना पाओगे,

मैं हो जाऊँगा किसी और का,

तुम देखते रह जाओगे।

मेरा बचपन ये कहता था...२


मेले में जाना और खिलौने लाना,

दोस्तों को दिखाना और टीचर से

छिपाना,

नए कपड़े पहनकर मस्ती में झूमना,

गली में खड़े होकर ये कुल्फ़ी चूसना,

कभी लौटकर ना आएगा

मेरा बचपन ये कहता था...२


आज सब कुछ छूट गया है इतना पीछे,

ना आँखें खोलने पर दिखे और ना ही

आँखें मिचे।

दोस्तों की बातें यादें बनकर खो गई,

याद करके उनको मेरी आँखें रो गई।

हाँ मैं मान गई हूँ आज,

कि मेरा बचपन सच कहता था...२


Rate this content
Log in